लाभ - मांगलिक और विवाह करने के इच्छुक लोगों को शीघ्र विवाह का आशीर्वाद प्राप्त होगा। नवविवाहित महिलाएं और विवाहित महिलाएं अपने घरों में शांति और समृद्धि के लिए इसे करती हैं। व्रत करने का मूल विचार एक अच्छा जीवनसाथी (पति या पत्नी) प्राप्त करना है। विवाहित लोग लंबे सुखी वैवाहिक जीवन के लिए इसे करते हैं।
श्रवण मंगला गौरी व्रत का पालन कैसे करें?
जल्दी उठो। घर की सफाई करे। नहाना।
साफ कपड़े पहनें - लाल रंग को प्राथमिकता दें।
सफेद कपड़े के एक टुकड़े पर माता पार्वती, शिव और हनुमान की तस्वीर रखें।
घी से दीपक जलाएं।
अपनी प्रार्थना अर्पित करें।
इस मंत्र का जाप करें
कुकुमागुरुलिप्तांगा सर्वाभरण भूविष्टाम्।
नीलकण्ठप्रियां गौरी वंदेहं मंगलाल्वयाम्।।
दिन की महत्वपूर्ण पूजा या तो सुबह या शाम करते समय, निम्नलिखित अनुष्ठान करें:
पानी, गहरा, धूप, सिंदूर, कपूर, सुपारी, सुपारी, फूल, फल आदि जैसे पूजा सामग्री आसानी से उपलब्ध कराएं।
चूड़ी, कुमकुम आदि देवी को श्रृंगार अर्पित करना पुण्यदायी माना जाता है।
पांच प्रकार के सूखे मेवे (काजू, पिस्ता, क्लेम, मखाने, बाद में) चढ़ाएं (यह वैकल्पिक है)
सात प्रकार के अनाज (चना, पवन, फल, उड़द, जौ, मसूर और चावल)। (यह वैकल्पिक है)
मंगला गौरी व्रत कथा सुनें।
निम्न मंत्र का जाप करें
ह्रं कामदाय वरप्रिय नमः शिवाय। (16 बार)
ह्रीं मंगल गौरी लग्नबाधां नाशय स्वाहा। (16 बार)
क्रौं जीवात्मा नयनयोः पातु माता वनरेश्वरः हं हनुमते नमः (16 बार)
गुड़ चढ़ाएं (प्रसाद या भोग के रूप में)
भोग लगाते समय आंखें बंद रखनी चाहिए।
भोग बाद में गाय को देना चाहिए।

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